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Wednesday, 28 June 2023

कगरस क खलफ एकशन? वपकष एकत क मटग म कह अपन ह बत क खलफ गई AAP

दिल्ली के ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले (Transfer-Posting Case) में केंद्र के अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस (Congress) के समर्थन पर अड़े रहने के कारण अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी विपक्ष में अलग-थलग पड़ गई है. इस बीच आप ने ऐसा कदम उठाया, जिससे विपक्ष में दरार बढ़ने की संभावना है. अन्य राज्यों में अलग-अलग पार्टियों के विस्तार को रोकने के संयुक्त विपक्ष के संकल्प को तोड़ते हुए आप ने हरियाणा के लिए 20 पदाधिकारियों की एक लिस्ट जारी की है. हरियाणा में कांग्रेस सबसे प्रमुख विपक्षी पार्टी है. 

23 जून को पटना में विपक्ष की महाबैठक में आप ने ही कहा था कि पार्टियों को व्यापक विपक्षी एकता के हित में विस्तार मोड में नहीं जाना चाहिए. अब आप अपने ही इस बात के खिलाफ जाकर हरियाणा में पदाधिकारियों और सांगठनिक नियुक्तियां की हैं. यह विचार बीजेपी के खिलाफ आमने-सामने की लड़ाई की विपक्ष की प्रस्तावित रणनीति के साथ मेल खाता था. इसका मतलब है कि सिर्फ एक विपक्षी उम्मीदवार बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ेगा, जिससे विपक्षी वोटों को एकजुट करने में मदद मिलेगी. 

आप ने दिल्ली में 7 राज्य संगठन सचिव और 14 जिला अध्यक्ष बनाए हैं. हरियाणा में आप ने कुल 304 ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्त किए हैं. लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के मद्देनज़र आप ने ये सांगठनिक नियुक्तियां की हैं.

आप के संगठन महासचिव संदीप पाठक ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में दिल्ली और हरियाणा के नेताओं के साथ बैठक की थी. बैठक के बाद संदीप पाठक ने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली और हरियाणा की सभी सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है.

हालांकि, पटना में हुई बैठक वहां तैयार की गई रणनीतियों के अलावा अन्य कारणों से सुर्खियों में रही. लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता और पीएम चेहरे से इतर जाकर आप के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश पर कांग्रेस का रुख साफ करने की मांग करते रहे. इसके लिए विपक्ष के कई नेताओं ने आपत्ति भी दर्ज कराई.

आम आदमी पार्टी ने कहा कि जब तक मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सार्वजनिक रूप से अध्यादेश के मुद्दे पर अपना रुख साफ नहीं करता, तब तक आप के लिए किसी भी गठबंधन का हिस्सा बनना बहुत मुश्किल होगा, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है. इसके बाद से आम आदमी पार्टी मिश्रित संकेत दे रही है. बुधवार को आप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित समान नागरिक संहिता को सैद्धांतिक समर्थन दिया. जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने समान नागरिक संहिता की कड़ी आलोचना की है.

दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में होने के कारण आप ने पिछले कुछ महीनों में खुद को मुश्किल स्थिति में पाया है. अब तक कांग्रेस की कीमत पर विस्तार कर रही आप कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पूरी ताकत लगाने की व्यापक योजना बना रही है. पार्टी तेलंगाना और मध्य प्रदेश में भी अपनी पैठ बनाने की उम्मीद कर रही है, जहां उसकी एंट्री से उसके राष्ट्रीय पार्टी की साख भी बढ़ेगी.

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