इमरान खान के खिलाफ पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने गैर जमानती वारंट किया जारी - G.News,ALL IN ONE NEWS BRAKING NEWS , NEWS , TOP BRAKING NEWS, G.News, HINDI NEWS top braking news,

G.News,ALL IN ONE NEWS  BRAKING NEWS , NEWS , TOP BRAKING NEWS, G.News, HINDI NEWS top braking news,

ALL IN ONE NEWS BRAKING NEWS , NEWS , TOP BRAKING NEWS, G.News, HINDI NEWS top braking news, india tv ,news , aaj tak , abp news, zews

Breaking News

ads

Post Top Ad

Responsive Ads Here

90% off

Tuesday, 11 July 2023

इमरान खान के खिलाफ पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने गैर जमानती वारंट किया जारी

पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (Election Commission of Pakistan) ने मंगलवार को अवमानना के एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया. ईसीपी ने समान अपराध के लिए पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी के खिलाफ भी गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया. ईसीपी ने पिछले साल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान और पार्टी के पूर्व नेताओं चौधरी तथा असद उमर के खिलाफ ईसीपी और मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के खिलाफ कथित तौर पर ‘‘अमर्यादित'' भाषा का इस्तेमाल करने के लिए अवमानना ​​कार्यवाही शुरू की थी. 

खान और चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट आदेश ईसीपी के सदस्य निसार दुर्रानी की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय पीठ द्वारा पारित किया गया, जब दोनों पीटीआई नेता कई चेतावनियों के बावजूद मंगलवार को उसके सामने पेश नहीं हुए. 

हालांकि, उमर को राहत दे दी गई जब उनके वकील ने ईसीपी को बताया कि उन्हें एक और मामले में पेश होना है और उन्होंने चिकित्सा वजहों का उल्लेख करते हुए हाजिर होने से छूट का अनुरोध किया. 

निर्वाचन आयोग ने अनुरोध स्वीकार कर लिया और वकील को इस संबंध में एक औपचारिक अर्जी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, लेकिन उसने खान और चौधरी के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया तथा सुनवाई 25 जुलाई तक स्थगित कर दी. 

ईसीपी ने पीटीआई नेताओं को अपना रुख स्पष्ट करने के लिए निजी रूप से या अपने वकील के माध्यम से उपस्थित होने के लिए कहा था, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने ईसीपी नोटिस और अवमानना ​​कार्यवाही को उच्च न्यायालयों में चुनौती दी. 

लंबी कार्यवाही के बाद जनवरी में उच्चतम न्यायालय ने ईसीपी को खान, चौधरी और उमर के खिलाफ कार्यवाही जारी रखने की अनुमति दी. इसके बाद, ईसीपी ने उनके खिलाफ आरोप तय करने का फैसला किया. 

पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बाहर होने के बाद से 70 वर्षीय खान को विभिन्न अदालतों में कई मामलों का सामना करना पड़ रहा है. एक समय खान के वफादार माने जाने वाले चौधरी ने नौ मई को पार्टी समर्थकों द्वारा की गई हिंसा के बाद पार्टी छोड़ दी थी. खान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से गिरफ्तार किए जाने के बाद नौ मई को देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. 

बाद में सरकार ने खान की पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की और नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने के आरोप में हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया. 

खान के समर्थकों ने पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के विरोध में लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी. पुलिस ने हिंसक झड़पों में मरने वालों की संख्या 10 बताई, जबकि खान की पार्टी का दावा है कि सुरक्षाकर्मियों की गोलीबारी में उसके 40 कार्यकर्ताओं की मौत हुई. 

ये भी पढ़ें :

* तोशाखाना भ्रष्टाचार मामला : इमरान खान ने इस्‍लामाबाद हाईकोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में दी चुनौती
* "इमरान खान को पीएम बनने में मदद की, पर अफसोस है": पाक के पूर्व क्रिकेट कप्तान
* पाक राजनीति: PTI छोड़ने वाले कई नेता तरीन की अगुवाई में बना सकते हैं नया दल



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/o3BJYU2

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages