निलंबित सदस्य संसदीय समिति की बैठकों में नहीं हो सकेंगे शामिल - G.News,ALL IN ONE NEWS BRAKING NEWS , NEWS , TOP BRAKING NEWS, G.News, HINDI NEWS top braking news,

G.News,ALL IN ONE NEWS  BRAKING NEWS , NEWS , TOP BRAKING NEWS, G.News, HINDI NEWS top braking news,

ALL IN ONE NEWS BRAKING NEWS , NEWS , TOP BRAKING NEWS, G.News, HINDI NEWS top braking news, india tv ,news , aaj tak , abp news, zews

Breaking News

ads

Post Top Ad

Responsive Ads Here

90% off

Saturday, 12 August 2023

निलंबित सदस्य संसदीय समिति की बैठकों में नहीं हो सकेंगे शामिल

नई दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और संसद से निलंबित कुछ अन्य सदस्य अपना निलंबन रद्द होने तक उन संसदीय समितियों की बैठकों में शामिल नहीं हो सकेंगे, जिनके वे सदस्य या अध्यक्ष हैं. चौधरी अत्यंत महत्वपूर्ण लोक लेखा समिति के प्रमुख हैं, लेकिन वह इसकी बैठक में भाग नहीं ले सकेंगे. इसी तरह, उन्हें निलंबन वापस होने तक गृह मामलों की संसद की स्थायी समिति की बैठकों में भी हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी. चौधरी इस समिति में सदस्य हैं.

वह लोकसभा की व्यापार सलाहकार समिति, सामान्य प्रयोजन समिति, संसदीय बजट समिति और रक्षा संबंधी सलाहकार समिति के भी सदस्य हैं. चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ''मैं किसी भी संसदीय पैनल की बैठक में शामिल नहीं हो पाऊंगा, क्योंकि मुझे लोकसभा से निलंबित कर दिया गया है.''

हालांकि, उन्होंने कहा कि वह अपने निलंबन के खिलाफ अदालत जाने पर सक्रिय रूप से विचार कर रहे हैं और इस संबंध में कानूनी विशेषज्ञों के साथ बातचीत जारी है. चौधरी को 'बार-बार कदाचार' के लिए 10 अगस्त को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया था और विशेषाधिकार समिति के समक्ष उनकी जांच लंबित है.

सूत्रों ने कहा कि चौधरी, हालांकि, विभिन्न सरकारी चयन समितियों की बैठकों में भाग ले सकेंगे, जिनमें वह लोकसभा में प्रमुख विपक्षी दल के नेता के रूप में सदस्य हैं. चौधरी सीबीआई प्रमुख, मुख्य सूचना आयुक्त, केंद्रीय सतर्कता आयुक्त, मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की चयन समिति के सदस्य हैं.

वह लोकपाल और गांधी शांति पुरस्कार सहित संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रदान किए जाने वाले सभी पुरस्कारों की चयन समिति के सदस्य भी हैं. एक प्रसिद्ध वकील ने कहा कि चौधरी प्रमुख विपक्षी दल के नेता बने रहेंगे और इसलिए वह सरकारी समितियों की बैठकों में भाग लेना जारी रख सकते हैं.

उनकी पार्टी के सहयोगी मनीष तिवारी ने कहा कि चौधरी का सदन से निलंबन 'अदालत का दरवाजा खटखटाने को लेकर उपयुक्त मामला है'. तिवारी ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 105(1) सदन के नियमों और प्रक्रियाओं के अधीन संसद में सदस्यों के भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है.

उन्होंने कहा, 'अध्यक्ष ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए चौधरी को निलंबित नहीं किया है. सांसदों को सदन द्वारा लाये गये एक प्रस्ताव के माध्यम से निलंबित किया गया है, क्योंकि सत्तारूढ़ दल के पास बहुमत है.' तिवारी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, 'क्या संसदीय बहुमत का इस्तेमाल सदन से निलंबन को हथियार बनाने के लिए किया जा सकता है, खासकर तब, जब विशेषाधिकार समिति यह निर्धारित कर रही है कि क्या उन्होंने नियमों का कोई उल्लंघन किया है?''

इसी तरह अन्य सदस्य भी विभिन्न संसदीय समितियों की बैठकों में शामिल नहीं हो सकेंगे. यद्यपि आम आदमी पार्टी (आप) के सुशील कुमार रिंकू किसी भी संसदीय पैनल के सदस्य नहीं हैं, लेकिन उनकी पार्टी के सहयोगी राघव चड्ढा वित्त और अधीनस्थ विधान से संबंधित संसदीय स्थायी समिति के सदस्य हैं.

विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट लंबित होने तक चड्ढा को 11 अगस्त को 'नियमों के घोर उल्लंघन, कदाचार, अपमानजनक रवैये और अवमाननापूर्ण आचरण' के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था.उनके सहयोगी संजय सिंह राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति के सदस्य और याचिकाओं पर स्थायी समिति, नैतिकता संबंधी समिति तथा आवास एवं शहरी मामलों की समिति के सदस्य हैं. लोकसभा से कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और आप के सुशील कुमार रिंकू तथा राज्यसभा से संजय सिंह एवं राघव चड्ढा को सदन में उनके आचरण को लेकर निलंबित कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें:-
शरद पवार और अजित पवार की ‘सीक्रेट' मीटिंग के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/0vIkKR1

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages