विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को NDTV के Decoding G-20 (G-20 Summit) इवेंट के तहत एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया. इस दौरान विदेश मंत्री (Foreign minister S Jaishankar) ने बताया कि भारत के चंद्रयान-3 मिशन के कामयाब होने के बाद ब्रिक्स समिट (BRICS) में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा आखिर पीएम मोदी (PM Narendra Modi) के बगल में क्यों बैठना चाहते थे. उन्होंने कहा, "जोहान्सबर्ग में लोग एक दिन पहले चंद्रयान -3 लैंडिंग के बारे में बात कर रहे थे. भारत की इस उपलब्धि पर हर कोई जुड़ाव महसूस कर रहा था. तब दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति रामफोसा ने कहा था कि वह पीएम मोदी के बगल में बैठेंगे, ताकि उन्हें इसका कुछ असर उन पर पड़ सके. चंद्रयान-3 की लैंडिंग के वक्त दुनिया का एक बड़ा हिस्सा हमारे साथ था."
NDTV के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया को दिए गए खास इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि 75 मिलियन डॉलर (615 करोड़) के चंद्रयान-3 मिशन को दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियों और सरकारों ने सराहा है.
उन्होंने आगे बताया, "मुझे लगता है तब तक चंद्रयान लोगों की कल्पना में उतर चुका था. उस दिन हम ब्रिक्स प्लस कार्यक्रम में थे. इसमें करीब 50 अन्य देशों के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की मौजदूगी थी. दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा ने चंद्रयान पर जो बात कही, वो हमारी सामूहिक भावना को दिखाता है... रामफोसा ने कहा कि वो पीएम मोदी के बगल में बैठने जा रहे हैं, ताकि उन्हें अच्छी वाइब्स मिले..."
चंद्रयान 3 मानव जाति की महत्वपूर्ण सफलता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले चंद्रयान के विक्रम लैंडर के चांद पर उतरने के बाद अन्य ब्रिक्स नेताओं को ब्रीफिंग दी थी. इस दौरान पीएम ने रामफोसा का शुक्रिया भी अदा किया था. पीएम मोदी ने कहा था, "यह हमारे लिए गर्व की बात है कि इस सफलता को किसी एक देश की सीमित सफलता के रूप में नहीं, बल्कि मानव जाति की महत्वपूर्ण सफलता के रूप में स्वीकार किया जा रहा है."
भारत चांद के साउथ पोल पर पहुंचने वाला पहला देश
बता दें कि चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद भारत चांद के साउथ पोल पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन चुका है. वहीं, चांद के किसी सतह पर स्पेसक्राफ्ट की सॉफ्ट लैंडिंग करने के मामले में भारत दुनिया का चौथा देश है. इससे अमेरिका, रूस (तत्कालीन सोवियत गणराज्य), और चीन ये का कर चुके हैं. लैंडिंग के बाद 6 व्हील वाला रोवर प्रज्ञान भी अपने काम पर लगा हुआ है. रोवर चांद की सतह और वातावरण की महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठा कर रहा है.
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