सनातन धर्म विवाद को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी नोटिस पर द्रविड़ मुनोत्र कषगम (द्रमुक) के नेता और तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार को कहा कि वह न्यायपालिका में विश्वास रखते हैं. मंत्री ने यहां संवाददाताओं को बताया कि शीर्ष अदालत द्वारा नोटिस जारी करने की खबरें उन्होंने सिर्फ अखबारों में ही पढ़ी हैं और उन्हें अभी तक नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है. नोटिस के संबंध में उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत में उचित जवाब दाखिल किया जाएगा. उदयनिधि ने कहा कि हम न्यायपालिका में विश्वास रखते हैं. सनातन धर्म विवाद पर उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने 22 सितंबर को चेन्नई के वकील बी जगन्नाथ द्वारा दाखिल एक याचिका पर नोटिस जारी किया था.
वहीं, मक्कल निधि मय्यम प्रमुख कमल हासन भी अब इस विवाद में कूद पड़े हैं, उन्होंने उदयनिधि स्टालिन का समर्थन किया है. कमल हासन ने शुक्रवार को कहा कि उदयनिधि स्टालिन को सनातन धर्म पर उनकी टिप्पणी के लिए परेशान किया जा रहा है. कोयंबटूर में एक पार्टी बैठक को संबोधित करते हुए हासन ने उदयनिधि, भाजपा या किसी अन्य संगठन का नाम लिए बिना कहा कि आज एक "छोटे बच्चे" को निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि उसने सनातन धर्म के बारे में बात की थी.
कुळ दिनों पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीना रिफाइनरी में पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स और मध्य प्रदेश में 10 औद्योगिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी. इसी के साथ पीएम मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए विपक्षी गठबंधन इंडिया पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा कि सनातन को मिटाकर देश को फिर से गुलामी में धकेलना चाहते हैं. इनका नेता तय नहीं है, नेतृत्व पर भ्रम है. लेकिन इन्होंने अपनी मुंबई मीटिंग में ये घमंडिया गठबंधन कैसे काम करेगा इसकी नीति और रणनीति बना दी है. इन्होंने अपने एक छिपा एजेंडा भी तय कर लिया है.
विपक्षी गठबंधन पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, "ये घमंडिया गठबंधन वाले सनातन संस्कारों और परंपरा को समाप्त करने का संकल्प लेकर आए हैं. जिस सनातन को गांधी जी ने जीवनपर्यंत माना, जिस सनातन ने उन्हें अस्पृश्यता के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए प्रेरित किया. ये घमंडिया गठबंधन के लोग उस सनातन परंपरा को समाप्त करना चाहते हैं."
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