महाराष्ट्र के पुणे में हुए पोर्श कार हादसे (Pune Porsche Accident CCTV)में 2 लोगों की मौत के मामले में नाबालिग आरोपी को घटना के 15 घंटे अंदर ही जमानत मिल गई. नाबालिग के वकील प्रशांत पाटिल ने कहा कि कोर्ट ने शर्त रखी है कि लड़के को 15 दिन के लिए यरवदा में ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करना होगा. सड़क हादसों पर एक निबंध लिखना होगा. साथ ही शराब पीने की आदत का इलाज और काउंसिलिंग करानी होगी. इस बीच हादसे का एक CCTV फुटेज सामने आया है.
CCTV फुटेज से पता चलता है कि 17 साल का लड़का इस कार को ड्राइव कर रहा था. कार की स्पीड तय लिमिट से ज्यादा थी. कार की रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटा थी. यह हादसा 18 मई की रात पुणे में हुआ था. रात करीब 2.15 बजे कार ने बाइक सवारों को टक्कर मारी थी. हादसे के कुछ देर पहले के एक वीडियो में आरोपी को पब में अपने दोस्तों के साथ 12वीं का एग्जाम पास करने की खुशी मनाते हुए देखा जा सकता है.
मध्य प्रदेश के 2 लोगों की हुई मौत
रिपोर्ट के मुताबिक, तेज़ रफ्तार पोर्श कार ने मध्य प्रदेश के दो आईटी पेशेवरों अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा को टक्कर मार दी. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अश्विनी को हवा में 20 फीट ऊपर उछाला गया. जबकि अनीश दूर जाकर गिरा था. दोनों की मौके पर मौत हो गई. CCT में कार से बाइक की टक्कर होने के बाद राहगीर घटनास्थल की ओर भागते दिखे. कई वीडियो में स्थानीय लोगों को कार में बैठे लोगों की पिटाई करते हुए दिखाया गया है.
आरोपी को 15 घंटे के अंदर मिली जमानत
हादसे के बाद नाबालिग आरोपी को हिरासत में लिया गया था, लेकिन किशोर न्याय बोर्ड ने उसे 15 घंटे के अंदर शर्तों के साथ जमानत दे दी. हालांकि, ऐसे मामले में त्वरित जमानत की आलोचना हुई. खासतौर पर जमानत की शर्तों को लेकर सवाल उठ रहे हैं.
आरोपी को इन शर्तों पर जमानत दी गई:-
- आरोपी को 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करना होगा.
- उसे साइकिएट्रिस्ट से काउंसिलिंग करवानी होगी.
- आरोपी को 'सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव और इसके समाधान' विषय पर 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा.
- नशा मुक्ति केंद्र में पुनर्वास करना होगा.
- ट्रैफिक नियमों की स्टडी कर उस पर किशोर न्याय बोर्ड को प्रेजेंटेशन देना होगा.
- अगर आरोपी भविष्य में कोई भी दुर्घटना देखता है, तो उसे पीड़ितों की मदद करनी होगी.
क्या कहती है पुलिस?
घटना को लेकर पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया, "घटना में IPC की धारा 304 (लापरवाही से किसी की मौत का कारण बनना) के तहत मामला दर्ज किया गया था. आरोपी नाबालिग था, इसलिए हमने कोर्ट को अर्जी दी गई थी कि उसपर वयस्क अपराधी की तरह केस चलाया जाए. हमारी अपील खारिज हो गई है. हम कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ आगे अपील कर रहे हैं."
पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार बताते हैं, "CCTV फुटेज से साफ हुआ है कि नाबालिग आरोपी ने शराब पी रखी थी. गाड़ी आरोपी के पिता के नाम पर रजिस्टर्ड थी. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि नाबालिग आरोपी के पिता और उसको शराब देने वाले पब के खिलाफ अलग से मामला दर्ज किया गया है."
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ब्लड सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार
उन्होंने बताया कि आरोपी का ब्लड सैंपल टेस्ट के लिए भेजा गया था. उसकी रिपोर्ट अभी नहीं मिली है. हालांकि, शुरुआती जांच से पता चला है कि हादसे के समय वह नशे में था. एक पब के CCTV फुटेज में हादसे से पहले लड़के को अपने दोस्तों के साथ शराब पीते हुए देखा गया है.
आरोपी के पिता और पब मालिक पर केस दर्ज
पुलिस ने लड़के के बिल्डर पिता के खिलाफ धारा 75 (जानबूझकर बच्चे की उपेक्षा करना, या बच्चे को मानसिक या शारीरिक बीमारियों के लिए उजागर करना) और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 77 (बच्चे को नशीली शराब या ड्रग्स देना) के तहत मामला दर्ज किया है. साथ ही कम उम्र के व्यक्ति को शराब परोसने के लिए बार पब के मालिक पर भी केस दर्ज किया गया है. बता दें कि महाराष्ट्र में शराब पीने की कानूनी उम्र 25 वर्ष है.
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