देश में आपने एक से एक बड़े और छोटे से छोटे रेलवे स्टेशन देखे होंगे. उनमें कुछ में जरूर आपको कुछ न कुछ खास लगा होगा. हालांकि बिहार (Bihar) का एक स्टेशन अपने आप में सबसे अलग है. कारण है कि यह स्टेशन साल भर में बिलकुल सुनसान रहता है. यहां न ट्रेन रुकती है और न कोई यात्री ही नजर आता है. हालांकि साल भर में 15 दिन ऐसे होते हैं, जब इस स्टेशन पर ट्रेनें रुकती हैं.
औरंगाबाद के अनुग्रह नारायण रोड के पुनपुन घाट रेलवे स्टेशन पर महज 15 दिनों के लिए सवारी गाड़ियों का ठहराव होता है. यहां पर पितृपक्ष के दौरान गयाजी में श्राद्ध से पूर्व पिंडदान करने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं और अपने पितरों को प्रथम श्राद्ध अर्पण करते हैं.
17 सितंबर से ट्रेनों के ठहराव के आदेश
गया-डीडीयू रेलखंड पर स्थित इस पुनपुन घाट रेलवे स्टेशन पर रेलवे विभाग ने इस बार भी 17 सितंबर से 9 जोड़ी गाड़ियों के ठहराव का आदेश जारी कर दिया है. हालांकि हर बार की तरह इस बार भी देश के कोने कोने से आने वाले पिंडदानियों के लिए जिला प्रशासन के द्वारा कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है.
यहां आने वाले यात्रियों के लिए न किसी तरह की सुरक्षा है और न ही स्टेशन पर एक अदद टिकट काउंटर तक का प्रबंध किया गया है, जबकि पुनपुन नदी में श्राद्ध अर्पण को लेकर बड़ी संख्या में पिंडदानी यहां पहुंचते हैं.
तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर व्यवस्थाओं की जरूरत
ग्रामीण रंजन कुमार ने कहा कि यहां पर रोड की हालत खराब है. यहां पर रोड बेहतर होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि यहां पर आने वाले लोगों के लिए पेयजल की व्यवस्था और चेंजिंग रूम होना चाहिए. बहुत सी ऐसी व्यवस्थाएं हैं, जो तीर्थयात्रियों के लिए बेहद जरूरी है.
इस रेलवे स्टेशन की जब शुरुआत हुई थी, तब रेलवे की तरफ से यहां हर तरह का इंतजाम किया जाता था. हालांकि धीरे-धीरे यह सब कुछ समाप्त हो गया. वहीं औरंगाबाद जिला प्रशासन भी इसे लेकर उदासीन ही नजर आता है. हालांकि औरंगाबाद के डीएम का कहना है कि यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा.
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