नेपाल से लाखों क्यूसेक पानी पहुंचा बिहार, वॉर रूम तैयार; जानिए बाढ़ का कितना व कब तक खतरा? - G.News,ALL IN ONE NEWS BRAKING NEWS , NEWS , TOP BRAKING NEWS, G.News, HINDI NEWS top braking news,

G.News,ALL IN ONE NEWS  BRAKING NEWS , NEWS , TOP BRAKING NEWS, G.News, HINDI NEWS top braking news,

ALL IN ONE NEWS BRAKING NEWS , NEWS , TOP BRAKING NEWS, G.News, HINDI NEWS top braking news, india tv ,news , aaj tak , abp news, zews

Breaking News

ads

Post Top Ad

Responsive Ads Here

90% off

Saturday 28 September 2024

नेपाल से लाखों क्यूसेक पानी पहुंचा बिहार, वॉर रूम तैयार; जानिए बाढ़ का कितना व कब तक खतरा?

Bihar Flood: बिहार में वाल्मीकि नगर एवं बीरपुर बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ का संकट और अधिक गहरा हो गया है. गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है.अगले 72 घंटों के लिए 20 जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने बताया है कि 20 जिलों पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, भागलपुर के प्रशासन को खास तौर पर निर्देश दिए गए हैं. इन्हें कहा गया है कि बाढ़ से बचाव के लिए सभी ऐहतियाती कार्रवाई कर लें. साथ ही लगातार गश्त करने को भी कहा गया है. 

इतना पानी पहुंचा

Latest and Breaking News on NDTV

बिहार सरकार ने भी 72 घंटों के लिए बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के लिए वॉर रूम स्थापित किया है. यह वॉर रूम प्रधान सचिव के नेतृत्व में काम करेगा और बाढ़ नियंत्रण से लेकर प्रबंधन देखेगा. संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्थलों की निगरानी के लिए 42 कनीय अभियंता, 25 सहायक अभियंता, 17 कार्यपालक अभियंता और 03 अधीक्षण अभियंताओं को डेपुटेशन पर लाया गया है.संतोष कुमार मल्ल ने बताया है कि बीरपुर कोशी बराज पर आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है. शनिवार तक बाल्मिकीनगर गंडक बराज से 5.38 लाख क्यूसेक, बीरपुर कोसी बराज से 5.79 लाख क्यूसेक पानी प्रवाहित हुआ है. इसके और अधिक बढ़ने की आशंका है.

56 सालों में सबसे अधिक

Latest and Breaking News on NDTV

संतोष कुमार मल्ल ने बताया है कि शनिवार अपराह्न दो बजे तक कोसी नदी पर बने बीरपुर बैराज से कुल 5.31 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो पिछले 56 वर्षों में सबसे अधिक है. उन्होंने कहा कि तटबंधों की सुरक्षा के लिए सभी सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं. पिछली बार इस बैराज से अधिकतम पानी 1968 में 7.88 लाख क्यूसेक छोड़ा गया था.इसी तरह, अपराह्न दो बजे तक गंडक नदी पर बने वाल्मीकि नगर बैराज से 4.49 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। पिछली बार इस बैराज से सबसे अधिक पानी वर्ष 2003 में 6.39 लाख क्यूसेक छोड़ा गया था.

निचले इलाकों में भरा पानी

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'पिछले दो-तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद राज्य भर में कई नदियों-गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और महानंदा तथा गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण सीमावर्ती जिलों में कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान को छू रही हैं या उससे ऊपर बह रही हैं.'अधिकारियों ने बताया कि इन दो बैराजों से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद नदी का अतिरिक्त पानी पश्चिमी चंपारण के जोगापट्टी, नौतन, गौनाहा, बगहा-1, बगहा-2, रामनगर, मझौलिया और नरकटियागंज ब्लॉक तथा पूर्वी चंपारण के कई इलाकों के निचले इलाकों में प्रवेश कर गया.

यहां हो रही निगरानी

Latest and Breaking News on NDTV

बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग (डीएमडी) ने कई जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया है क्योंकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भारी बारिश की आशंका जताई है और राज्य के कुछ हिस्सों में कम से मध्यम स्तर की बाढ़ के खतरे की चेतावनी दी है. डीएमडी द्वारा शनिवार की शाम जारी एक बयान के अनुसार गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों के जलस्तर में हुई वृद्धि के कारण प्रभावित सभी 13 जिलों (यथा पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया एवं मधुबनी) के 20 प्रखण्डों में 140 ग्राम पंचायतों के अन्तर्गत लगभग 1.41 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है जिसको ध्यान में रखते हुए अगले कुछ दिनों तक जलस्तर पर लगातार निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है.

गंगा किनारे पहले ही बाढ़

Latest and Breaking News on NDTV

बिहार में जारी लगातार बारिश के कारण बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर समेत गंगा के किनारे बसे करीब 12 जिलों में पहले से ही बाढ़ जैसी स्थिति है और मूसलाधार बारिश के बाद प्रदेश की विभिन्न नदियों का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले करीब 13.50 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों में लोगों के लिए बाढ़ मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप राहत शिविर एवं सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है. आईएमडी के अनुसार 29 सितंबर की सुबह तक बिहार की सभी नदियों के जल ग्रहण क्षेत्रों में हल्की वर्षा होने की संभावना है. शनिवार को सुबह 8.30 बजे तक राज्य के विभिन्न इलाकों में 780.30 मिलीमीटर बारिश हुई. डीएमडी ने बाढ़ प्रभावित जिलों के प्रशासन को अलर्ट रहने और पूर्वानुमान के मद्देनजर एहतियाती कदम उठाने को कहा है.

फसल बर्बाद, डॉक्टर तैनात

Latest and Breaking News on NDTV

अप्रत्याशित बाढ़ से जूझ रहे उत्तर बिहार के किसानों की हजारों एकड़ में खड़ी खरीफ की फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिसमें धान, मखाना और सब्जियां शामिल हैं. सबौर (भागलपुर) कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डीआर सिंह ने कहा, 'किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि बाढ़ ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा 1.05 एकड़ क्षेत्र में तैयार किए जा रहे बीजों को नुकसान पहुंचाया है. वैज्ञानिकों द्वारा किसानों के लिए अगले सीजन के लिए विभिन्न फसलों के उच्च गुणवत्ता वाले बीज तैयार किए जा रहे थे। यह पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं.'इस बीच, राजधानी में जयप्रकाश नारायण सेतु के पास बाढ़ प्रभावित लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एम्स-पटना के कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी के प्रमुख डॉ. संजीव कुमार की ओर से नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन के अनुभवी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की टीम मौजूद है.

गिरिराज और तेजस्वी ने की अपील 

केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने एक्स पर पोस्ट पर लिखा, "नेपाल द्वारा कोसी बराज से पानी छोड़े जाने की वजह से बिहार कृत्रिम बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहा है. सरकारी तंत्र पूर्ण तन्मयता से इस चुनौती से निपटने हेतु तैयार है. किन्तु ऐसी प्रतिकूल परिस्थिति में महादेव से प्रार्थना है कि वे स्वयं बिहार की रक्षा करें. आपसबों से आग्रह है कि सतर्क व संयमित रहें. महादेव इस जलप्रलय से हमारी रक्षा करें." वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी नदियों के बढ़ते जलस्तर को लेकर लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. 


महिला ने नांव में बच्चे को जन्म दिया

किशनगंज में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और कई हिस्सों में बाढ़ आ चुकी है. बूढ़ी कनकई, रतवा और मैची नदियों के उफान से बाढ़ का पानी कई इलाकों में घुस चुका है. प्रशासन द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं और लोगों की जान बचाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इस दौरान, दिघलबैंक से एक दिल छूने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक महिला ने बाढ़ के दौरान बच्चे को जन्म दिया. स्थानीय लोगों का कहना है कि किशनगंज पुलिस ने देवदूत की तरह मौके पर पहुंचकर मां और नवजात बच्चे का रेस्क्यू किया. एसडीआरएफ की पूरी टीम भी मौके पर मौजूद थी और महिला तथा नवजात को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. महिला शीशाबाड़ी आदिवासी टोला की रहने वाली है.किशनगंज और अररिया के सीमा क्षेत्र में कनकई नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में बाढ़ आई है. कोचाधामन के मजकुरी और जोकीहाट के डकैता गांव में फंसे लोगों को एसडीआरएफ की टीम द्वारा सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है. स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में तेजी से जुटा हुआ है, ताकि बाढ़ से प्रभावित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/gHk9BTi

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages