हरियाणा चुनाव (Haryana Election) में हार के बाद कांग्रेस (Congress) पर उसके ही सहयोगी हमलावर हैं. एनडीटीवी (NDTV) से बातचीत में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने यह मानने से इनकार कर दिया हरियाणा में लगातार तीसरी जीत भाजपा (BJP) की ऐतिहासिक जीत है. उन्होंने भाजपा को मिले 39% वोट शेयर की ओर इशारा करते हुए कहा कि 61% वोट सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ थे. यह चुनाव भाजपा की जीत से ज्यादा कांग्रेस (Congress) की हार थी.
'यह कांग्रेस की हार'
राघव चड्ढा ने कहा, "मैं सहमत होता यदि भाजपा को कुल मतदान में से 50% से अधिक वोट मिलते. ऐसा नहीं है. हरियाणा में वोट भाजपा के लिए नहीं है. हरियाणा में वोट भाजपा के खिलाफ है.भाजपा को 39% वोट मिले हैं और 61% वोट भाजपा के खिलाफ है. विचार यह था कि वोट को भाजपा के खिलाफ एकजुट किया जाए. इसलिए, मुझे लगता है कि हरियाणा के लोगों ने राज्य में बदलाव और एक अलग शासन के लिए भारी मतदान किया है.यह कांग्रेस की हार है.
यह पूछे जाने पर कि क्या आप और कांग्रेस साथ मिलकर लड़ते तो नतीजे अलग होते चड्ढा ने हां में जवाब दिया.चड्ढा ने जम्मू-कश्मीर के नतीजों का हवाला देते हुए कहा, "अगर इंडिया गठबंधन ने एक एकजुट होकर चुनाव लड़ा होता, तो परिणाम बिल्कुल विपरीत हो सकते थे." आपको बता दें कि कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ साझेदारी में जम्मू कश्मीर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की है. हालांकि, भाजपा ने वहां भी अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस की छह सीटों के मुकाबले 29 सीटें जीतीं हैं.
जम्मू कश्मीर का दिया हवाला
राघव चड्ढा ने कहा, "जम्मू-कश्मीर में इंडिया अलायंस ने एक गठबंधन के रूप में, एक इकाई के रूप में चुनाव लड़ा. नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के एक साथ आने से भाजपा हार गई. दुर्भाग्य से, हरियाणा में, हमारी ओर से और शायद कांग्रेस की ओर से भी सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, गठबंधन नहीं हो सका और हम सभी अकेले गए और परिणामस्वरूप चुनाव पक्ष में नहीं रहा.''
"मुझे लगता है कि इस चुनाव में हम सभी के लिए एक बड़ी सीख है. हरियाणा चुनाव के नतीजों में हम सभी के लिए सीख यह है कि अति आत्मविश्वास से कभी भी चुनावी लाभ नहीं मिलेगा. हमें अपनी बातचीत में बहुत व्यावहारिक होने की जरूरत है और मैं कह सकता हूं कि दोनों तरफ से गठबंधन बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे थे और दोनों पार्टियों के वरिष्ठतम नेता गठबंधन चाहते थे, लेकिन परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा नहीं हो सका.''
'गठबंधन होता तो फायदा होता'
हरियाणा में 2% से कम वोट शेयर के साथ, क्या आप के साथ गठबंधन से वास्तव में कांग्रेस को मदद मिलती? सवाल पर राघव ने कहा, "यह केवल आप के बारे में नहीं है. हरियाणा के अहीर क्षेत्र में समाजवादी पार्टी हाथ मिलाना चाहती थी. आप की हरियाणा के कई इलाकों में महत्वपूर्ण उपस्थिति है और वह कांग्रेस के साथ हाथ मिलाना चाहती थी. मैं आपको एक उदाहरण दूंगा, हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में हमने लड़ाई लड़ी थी. कुरुक्षेत्र सीट में 9 विधानसभा क्षेत्र थे, जिनमें से 4 विधानसभा क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी ने निष्पक्ष रूप से जीत हासिल की थी. पार्टियां एक साथ आती हैं और एक एक मजबूत गठबंधन होता है तो गठबंधन का वोट शेयर कई गुना बढ़ जाता है. यह शायद 2-3% नहीं बल्कि उससे कहीं अधिक होता. "
लगातार हार गिनाई
भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन की सराहना करते हुए आप सांसद ने सबसे पुरानी पार्टी को सलाह देते हुए कहा, "मैं व्यक्तिगत रूप से महसूस करता हूं कि अब देश में अलग-अलग श्रेणी के राज्य हैं, जहां कांग्रेस अपने दम पर आमने-सामने की लड़ाई में भाजपा को हराने में सक्षम नहीं हो सकती है. हमने इसे मध्य प्रदेश में देखा, राजस्थान में देखा, छत्तीसगढ़ में देखा. साझेदारों के साथ, परिणाम कांग्रेस पार्टी के पक्ष में होंगे."
इंडिया गठबंधन में ही रहेंगे
हालांकि, आप नेता ने इंडिया ब्लॉक के महत्व और इसके लिए उनकी पार्टी के निरंतर समर्थन के बारे में विश्वास जताते हुए कहा, "हम पूरी तरह से इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं. हम इंडिया गठबंधन का हिस्सा बने रहना चाहते हैं. हम इंडिया गठबंधन के भविष्य को लेकर आशान्वित हैं.उन्होंने अंत में कहा, "1 और 1 दो नहीं, ग्यारह हो जाता है, जब हम सब एक साथ आएंगे. मैं इस गठबंधन को लेकर बहुत आशान्वित हूं."
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