राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप सबसे पहले करेंगे ये काम, अमेरिका में प्रवासी भारतीयों का पढ़ना-बसना हो सकता है मुश्किल - G.News,ALL IN ONE NEWS BRAKING NEWS , NEWS , TOP BRAKING NEWS, G.News, HINDI NEWS top braking news,

G.News,ALL IN ONE NEWS  BRAKING NEWS , NEWS , TOP BRAKING NEWS, G.News, HINDI NEWS top braking news,

ALL IN ONE NEWS BRAKING NEWS , NEWS , TOP BRAKING NEWS, G.News, HINDI NEWS top braking news, india tv ,news , aaj tak , abp news, zews

Breaking News

ads

Post Top Ad

Responsive Ads Here

90% off

Friday, 8 November 2024

राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप सबसे पहले करेंगे ये काम, अमेरिका में प्रवासी भारतीयों का पढ़ना-बसना हो सकता है मुश्किल

अमेरिका में एक बार फिर से ट्रंप का टाइम लौट रहा है. भारी वोटों से चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ के बाद काम संभालेंगे. अपने कैंपेन में उन्होंने 'अमेरिका फर्स्ट' को तवज्जो देते हुए इमिग्रेशन (Immigration) को कम करने का वादा किया था. उनका यह चुनावी वादा अप्रवासियों और खासकर भारतीय-अमेरिकियों के लिए बड़ी चिंता की वजह बन गया है. ट्रंप ने अगर ऐसा कोई कदम उठाया, तो अप्रवासियों और उनके बच्चों के स्वाभाविक रूप से अमेरिकी नागरिक (US Citizenship) बनने के रास्ते में दिक्कत लाएगा.

अमेरिका में अगर किसी अप्रवासी के बच्चे का जन्म होता है, तो उसे अपने आप वहां की नागरिकता मिल जाती है. इसे नैचुरलाइज्ड सिटीजनशिप कहते हैं. ऐसे व्यक्ति के पास दो ऑप्शन होते हैं. पहला- वो अमेरिका की नागरिकता ही बरकरार रखे. दूसरा- वह अपनी जिंदगी में किसी भी समय अपने देश के नागरिक बनने का विकल्प चुन सकता है.

ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद क्या NATO का क्या होगा? क्या दूसरे कार्यकाल में नीतियों में करेंगे बदलाव

नैचुरलाइज्ड सिटीजन पर कंट्रोल का किया था वादा
गौर करने वाली बात ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कैंपेन के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने नैचुरलाइज्ड सिटीजन पर अंकुश लगाने की कसम खाई थी. यह उनके कैंपेन डॉक्युमेंट का एक हिस्सा था. ट्रंप और उनके डिप्टी यानी जेडी वेंस ने जो वादा किया था, उसे ओवल ऑफिस में काम संभालने के पहले दिन ही पूरा करने का बात कही गई है.
 

Latest and Breaking News on NDTV

दरअसल, ट्रंप अमेरिका में पैदा होने वाले ऐसे बच्चों को अमेरिका की नागरिकता देने के पक्षधर नहीं हैं, जिनके माता-पिता अमेरिका के नागरिक नहीं हैं. उन्होंने ऐसे मेरिट सिस्टम का प्रस्ताव दिया है, जिसमें स्किल्स को फैमिली कनेक्शन से ज्यादा वरीयता दी जाएगी. इस बात को परखा जाएगा कि नागरिकता के लिए अर्जी देने वाले बच्चे में किस काम को करने की योग्यता है. 

H-1B वीजा प्रोग्राम के नियम होंगे और सख्त
अपने पिछले कार्यकाल में डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B के लिए नियम और शर्तों को सख्त कर दिया था. जिससे इस कैटेगरी के वीजा एप्लिकेशन रद्द होने का रेश्यो4 गुना बढ़ गया. अब उन्होंने H-1B वीजा प्रोग्राम के नियम और सख्त करने की बात कही है.

Latest and Breaking News on NDTV

Photo Credit: AFP

शुरू करेंगे अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम
अपने कैंपेन के दौरान करीब-करीब हर रैली में ट्रंप ने इमिग्रेशन पॉलिसी का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था, "राष्ट्रपति बनते ही पहले दिन मैं अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम शुरू करूंगा." ट्रंप का इरादा सिर्फ इलीगल इमिग्रेंट्स को टारगेट करना नहीं है, बल्कि वो कानूनी प्रक्रिया का भी पालन कराना चाहते हैं.

अपनी विक्ट्री स्पीच में ट्रंप ने ऐसी ही बात दोहराई थी. उन्होंने साफ कहा था, "आप अमेरिका आइए, लेकिन वैलिड रास्ते और वैलिड तरीके से आइए. इलीगल इमिग्रेंट्स को रोकना ही होगा. ये ग्रेट अमेरिका बनाने के रास्ते में एक बड़ी समस्या है."

इमिग्रेशन पर कैप लगाने के लिए ऑर्डर पर साइन करेंगे ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप के इलेक्शन कैंपेन वेबसाइट पर मौजूद दस्तावेज़ के मुताबिक, वह अपने राष्ट्रपति पद के पहले दिन इमिग्रेशन पर कैप लगाने के लिए एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करने वाले हैं. इस ऑर्डर में फेडरल एजेंसियों को यह निर्देश दिया जाएगा कि उनके भावी बच्चों के ऑटोमेटिक अमेरिकी नागरिक बनने के लिए माता-पिता में कम से कम एक अमेरिकी नागरिक या वैलिड परमानेंट रेजिडेंट होना चाहिए."

इसका मतलब यह है कि आने वाले दिनों में जो बच्चे अमेरिका में पैदा हुए हैं, लेकिन उनके माता-पिता में से कोई भी अमेरिकी नागरिक या स्थायी निवासी (PR) नहीं है, तो वे नैचुरलाइज्ड सिटिजनशिप के पात्र नहीं हो सकते.

OPT पर भी सेट करेंगे लिमिट
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में F-1 स्टूडेंट वीजा पर जांच बढ़ा दी थी. अमेरिका में ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (OPT) की व्यवस्था है. इसके तहत विदेशी छात्रों को काम करने का समय दिया जाता है. लेकिन ट्रंप ने OPT पर भी लिमिट लगाने की बात कही है. इससे अमेरिका में रह रहे भारतीय छात्रों के लिए वहां काम करना मुश्किल हो जाएगा.

मछली पकड़ते थे ट्रंप के नाना, मां को करना पड़ा था घरेलू सहायिका का काम, जानें परिवार की पूरी कहानी

1 मिलियन का आंकड़ा पार हुआ ग्रीन कार्ड का बैकलॉग
एक अनुमान के मुताबिक, भारत से रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड बैकलॉग 2023 की पहली तिमाही में 1 मिलियन का आंकड़ा पार कर गया था. ग्रीन कार्ड (अमेरिकी नागरिकता) के लिए वेटिंग का औसत समय 50 साल से ज्यादा है. इससे पता चलता है कि आधे मिलियन से ज्यादा इमिग्रेंट्स जो पढ़ाई या काम के लिए अमेरिका गए हैं, नागरिकता मिलने से पहले ही उनकी मौत हो जाएगी. इसका मतलब यह भी है कि अपनी नागरिकता का इंतजार कर रहे करीब सवा लाख बच्चे 21 साल की कानूनी उम्र को भी पार कर जाएंगे. इसके बाद अगर वे स्टूडेंट वीजा जैसे ऑल्टरनेटिव वीजा के बैगर वहां रहते हैं, तो वे अवैध अप्रवासी बन जाएंगे.

बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी को 50 राज्यों की 538 सीटों में से 295 सीटें मिली हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी की कैंडिडेट कमला हैरिस कड़ी टक्कर देने के बावजूद अब तक 226 सीटें ही जीत पाईं.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/GIbjuvP

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages