CM Yogi Meet PM Modi: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाक़ात की. लोकसभा चुनाव के बाद दोनों नेताओं की ये पहली औपचारिक भेंट है. दिल्ली में 7 लोक कल्याण मार्ग पर ये मुलाक़ात हुई.पीएम मोदी को सीएम योगी ने अगले साल प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ का प्रतीक चिह्न भेंट किया, लेकिन इस दौरान और भी कई मुद्दों पर बातचीत हुई. वैसे तो सीएम ऑफिस की तरफ़ से बताया गया कि प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री की ये शिष्टाचार भेंट थी, लेकिन जब दो बड़े नेता मिलते हैं तो कई तरह की बातें होती हैं.सूत्र बताते हैं कि महाकुंभ के आयोजन पर चर्चा हुई.कुंभ दुनिया का सबसे बड़ा मेला माना जाता है,जिसमें करोड़ों श्रद्धालु आते हैं.यूपी की योगी सरकार की कोशिश इसे दिव्य और भव्य बनाने की है.पिछली बार जब प्रयागराज में साल 2019 में कुंभ आयोजित हुआ था, तब पीएम मोदी भी संगम में डुबकी लगाने पहुंचे थे.
बताया जा रहा है कि यूपी के राजनैतिक हालात पर भी पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ में बातचीत हुई. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी का यूपी में प्रदर्शन बड़ा ख़राब रहा.बीजेपी की सीटें 62 से घट कर 33 रह गईं. पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने हार की समीक्षा भी की. यूपी में इन दिनों विधानसभा की नौ सीटों पर उप चुनाव हो रहा है.सूत्र बताते हैं कि इस मुद्दे पर भी पीएम और सीएम के बीच चर्चा हुई.प्रधानमंत्री से मिलने के बाद सीएम योगी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से भी भेंट की. झारखंड में बीजेपी का मैनिफ़ेस्टो जारी करने के बाद अमित शाह रांची से वापस लौटे थे.लौटने के तुरंत बाद उन्होंने योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात की.बताया जा रहा है कि यूपी के उप चुनाव को लेकर दोनों नेताओं में लंबी बातचीत हुई.एक-एक सीट पर मंथन हुआ.बीजेपी ने सभी नौ सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है.योगी आदित्यनाथ की तरफ़ से चुनावी तैयारी के बारे में अमित शाह को बताया गया. अमित शाह ने विधानसभा की सभी नौ सीटों का फ़ीडबैक लिया.जिन नौ सीटों पर उप चुनाव हो रहे हैं, उनमें से 5 पर एनडीए और बाक़ी 4 पर समाजवादी पार्टी का क़ब्ज़ा था.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ इसी महीने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) से भी मिल चुके हैं.मथुरा में ये मुलाक़ात क़रीब ढाई घंटे तक चली थी.इस दौरान संघ के विस्तार से लेकर महाकुंभ के आयोजन तक पर चर्चा हुई थी.संघ प्रमुख जब इसी साल गोरखपुर गए थे, तब सीएम योगी से भेंट नहीं हो पाई थी. इसीलिए हाल के मुलाक़ात को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. बाद में संघ की तरफ़ से सीएम योगी के नारे बंटेंगे तो कटेंगे को भी समर्थन मिला.इसके कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं.लोकसभा चुनाव में बीजेपी के ख़राब प्रदर्शन के बाद पार्टी के ही कई नेता योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुखर हो गए थे. सरकार बड़ा या फिर संगठन को लेकर लंबे समय तक विवाद चला.बाद में सीएम योगी ने एनडीए के सभी विधायकों और सांसदों से मुलाक़ात की.उनके मन को जानने की कोशिश की.
अमित शाह से मुलाक़ात के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से भी भेंट की. उनसे उप चुनाव से लेकर संगठन के कामकाज पर भी बातचीत हुई. यूपी में सरकार और संगठन के समन्वय पर चर्चा हुई.हाल के दिनों में यूपी में इस बात पर विवाद होता रहा है.संगठन के कुछ नेताओं ने सरकार से सहयोग न मिलने की शिकायत की थी.लोकसभा चुनाव के बाद बोर्ड और आयोग में पार्टी के समर्पित नेताओं का समायोजन शुरू हो गया है.जो काम बाक़ी रह गया है उस पर सीएम योगी ने पार्टी के अध्यक्ष से बातचीत की.
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