भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मणिपुर इकाई की अध्यक्ष ए शारदा ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य विधानसभा को संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सदन अभी भंग नहीं हुआ है. एन बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ दिन बाद बृहस्पतिवार को हिंसा प्रभावित मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. राज्य विधानसभा को भी निलंबित कर दिया गया.
गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, मणिपुर विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है, जिसका कार्यकाल 2027 तक है. मणिपुर में भाजपा सरकार का नेतृत्व करने वाले सिंह ने करीब 21 महीने की जातीय हिंसा के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इस हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
पत्रकारों से बातचीत में शारदा ने कहा, ‘‘नौ फरवरी को सिंह के इस्तीफे के बाद संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है। विधानसभा को अभी भंग नहीं किया गया है.'' उन्होंने कहा कि राज्य की स्थिति में सुधार होने पर सदन को बहाल किया जा सकता है.
इस बीच, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की मणिपुर इकाई ने कहा कि राष्ट्रपति शासन तत्काल हटाया जाना चाहिए और जल्द से जल्द नये चुनाव कराए जाने चाहिए. माकपा की राज्य समिति के सचिव के शांता ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी समान विचारधारा वाले अन्य दलों के साथ राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य की क्षेत्रीय अखंडता के लिए खड़ी रहेगी.
राष्ट्रपति शासन की घोषणा के बाद वरिष्ठ भाजपा नेता संबित पात्रा मुख्यमंत्री सचिवालय पहुंचे और 40 मिनट तक वहां रहे. हालांकि, यह पता नहीं चल पाया है कि उन्होंने सिंह से मुलाकात की या नहीं.
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