सिर पर टॉर्च वाली टोपी, जमीन में खुदाई करता हुजूम और चलनी से छनती मिट्टी...बुरहानपुर में आखिर ये हो क्या रहा है. ये लोग ढूंढ क्या रहे हैं, इसका जवाब है सोने के सिक्के... बुरहानपुर के असीरगढ़ गांव में रातों में लोगों का हुजूम सोना ढूंढने (Burhanpur Gold Coin Searching) आ रहा है. दरअसल असीरगढ़ में इन दिनों हाईवे निर्माण का काम चल रहा है. कुछ दिनों पहले यहां पर खेत में काम कर रहे कुछ मजदूरों से दावा किया था कि उनको मिट्टी में सोने के सिक्के मिले थे. इसके बाद अफवाह फैल गई कि यहां सोने के सिक्के दबे हुए हैं. फिर क्या था 6 से ज्यादा गांवों के लोगों ने खेत में धावा बोल दिया. अब रात होते ही हर दिन यहां लोगों का हुजूम सोना ढूंढने पहुंच जाता है. इतना ही नहीं ये लोग अपने साथ मेटल डिटेक्टर भी लेकर आते हैं.
मुगल सैनिकों की छावनी था बुरहानपुर
मध्य प्रदेश का बुरहानपुर...जो कभी मुगल सैनिकों की छावनी हुआ करता था. सैनिक जब युद्ध से लौटकर आते तो लूटा हुआ खजाना यहां पर जमीन में गड्ढा खोदकर दबा देते थे. दावा किया जा रहा है कि यहां पर पहले भी लोगों को मिट्टी में सोने के सिक्के मिल चुके हैं. अब एक बार फिर दूर-दूर से लोग मिट्टी में दबा खजाना ढूंढने रात के अंधेरे में बुरहानपुर पहुंच रहे हैं.

(फिल्म छावा में औरंगजेब का बुरहानपुर किला)
फोरलेन सड़क निर्माण के दौरान निकली मिट्टी से कई महिलाओं को सोने के सिक्के मिले थे, ये दावा एक स्थानीय ने किया है. उन्होंने कहा कि बुरहानपुर के असीरगढ़ में खजाना दबा है. कहा जाता है कि पुराने समय में सैनिक युद्ध के बाद लूटा हुआ खजाना यहां गड्ढा खोदकर गाड़ देते थे.

(बुरहानपुर में स्थानीय ने किया सोने के सिक्के मिलने का दावा)
औरंगजेब के बुरहानपुर किले में था खजाने का भंडार
छावा फिल्म में भी बुरहानपुर को सोने की खदान बताया गया है. फिल्म में दिखाया गया है कि औरंगजेब के बुरहानगढ़ किले में खजाने का भंडार था. युद्ध में लूटा हुआ सोना-चांदी, हीरे, जवाहरात वह यहीं पर रखता था. संभाजी महाराज ने जब अपनी पूरी सेना के साथ बुरहानपुर किले पर आक्रमण किया और बहादुर खान की सेना को परास्त कर वहां से सारा खजाना लूटकर अपने साथ मराठा साम्राज्य ले गए. माना जा रहा है इसी फिल्म से प्रेरित होकर लोग अब बुरहानपुर में दबे हुए सोने के सिक्के तलाश रहे हैं.

(फिल्म छावा में औरंगजेब)
सोने के सिक्कों पर इतिहास के जानकार क्या कह रहे ?
इतिहास के जानकार शालिराम चौधरी का कहना है कि ये नहीं कहा जा सकता कि सोने के सिक्के नहीं मिल रहे हैं. क्यों कि बुरहानपुर एक प्राचीन शहर हैं. यहां का असीरगढ़ किला भी प्राचीन है. यहां पर सोने के सिक्के बनाने की टकसाल हुआ करती थी. यहां पर कहीं न कहीं सोने के सिक्के और मुगलकालीन चांदी के सिक्के मिलते रहते हैं, ये बात सही है.

(बुरहानपुर में सोने के सिक्के वाले दावों पर इतिहासकार)
फिल्म छावा में बुरहानपुर में औरंगजेब का खजाने वाला सीन देखने के बाद यहां बड़ी संख्या में लोग खजाना ढूंढने निकल पड़े हैं. कहा जा रहा है कि एक अफवाह के बाद यहां लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया.
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