एक साथ चुनाव पर रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए कोई समयसीमा नहीं : विधि आयोग के अध्यक्ष - G.News,ALL IN ONE NEWS BRAKING NEWS , NEWS , TOP BRAKING NEWS, G.News, HINDI NEWS top braking news,

G.News,ALL IN ONE NEWS  BRAKING NEWS , NEWS , TOP BRAKING NEWS, G.News, HINDI NEWS top braking news,

ALL IN ONE NEWS BRAKING NEWS , NEWS , TOP BRAKING NEWS, G.News, HINDI NEWS top braking news, india tv ,news , aaj tak , abp news, zews

Breaking News

ads

Post Top Ad

Responsive Ads Here

90% off

Wednesday 27 September 2023

एक साथ चुनाव पर रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए कोई समयसीमा नहीं : विधि आयोग के अध्यक्ष

नई दिल्ली: विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ऋतु राज अवस्थी ने बुधवार को कहा कि एक साथ चुनाव के मुद्दे पर काम अब भी जारी है और इस संबंध में रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए कोई समयसीमा नहीं दी गई है. उन्होंने यह भी कहा कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और ऑनलाइन प्राथमिकी सबंधी रिपोर्ट को अंतिम रूप देकर कानून मंत्रालय को भेज दिया गया है.

कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अवस्थी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “एक साथ चुनावों पर अब भी कुछ काम चल रहा है. हमने रिपोर्ट को अंतिम रूप नहीं दिया है. इसे अंतिम रूप देने के लिए कोई समयसीमा नहीं है.” प्रक्रिया के अनुसार, विधि आयोग की सभी रिपोर्ट केंद्रीय कानून मंत्रालय को सौंपी जाती है, जो उन्हें संबंधित मंत्रालयों को भेज देता है.

एक साथ चुनाव का मुद्दा वर्षों से विधि आयोग के पास लंबित है. पिछले विधि आयोग ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए तीन विकल्प सुझाए थे, लेकिन कहा था कि कई बिंदुओं पर विचार किया जाना बाकी है.

उसने अपनी मसौदा रिपोर्ट के साथ जारी एक सार्वजनिक अपील में कहा था कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने में कई बाधाओं को दूर किया गया है लेकिन कुछ बिंदुओं पर “अब भी विचार बाकी है”. उसने सभी हितधारकों से यह सुझाव देने के लिए कहा था कि क्या एक साथ चुनाव कराने से किसी भी तरह से लोकतंत्र, संविधान की मूल संरचना या देश की संघीय राजनीति के साथ छेड़छाड़ होगी.

इसमें कहा गया था कि जब संसद या विधानसभा में किसी भी एक दल को बहुमत नहीं है और ऐसी स्थिति से निपटने के लिए विभिन्न समितियों और आयोगों ने सुझाव दिए हैं. इन समितियों ने प्रस्ताव दिया है कि प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की नियुक्ति या चयन उसी तरीके से किया जा सकता है जिस तरह से सदन के अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है.

अब मौजूदा विधि आयोग ने इस विषय पर आगे काम करना शुरू कर दिया है. पॉक्सो अधिनियम पर विधि आयोग की रिपोर्ट सहमति की उम्र के मुद्दे से संबंधित है. हर तीन साल में गठित होने वाला विधि आयोग जटिल कानूनी मुद्दों पर सरकार को सलाह देता है.

ये भी पढ़ें:-
अपने टैक्स रिफंड को लेकर इन बातों का रखें ध्यान, वरना हो सकती है मुश्किल

5 लाख रुपये से अधिक प्रीमियम वाले जीवन बीमा से मिलने वाली रकम के लिए नियम तय

समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के आवास पर इनकम टैक्स की छापेमारी तीसरे दिन समाप्त



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/UcjwHdu

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages