कर्नाटक एक्सप्रेस की दृश्यता प्रथम दृष्टया घुमावदार पटरियों के कारण प्रभावित हुई, जिसकी चपेट में आने से महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार शाम कम से कम 12 यात्रियों की मौत हो गई. अधिकारियों ने बताया कि जलगांव जिले में एक ट्रेन में आग की अफवाह के बाद पटरी पर उतरे कुछ यात्री विपरीत दिशा से आ रही दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए. इस हादसे में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई.
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि दोनों रेलगाड़ियों के चालकों ने दिशानिर्देश (प्रोटोकॉल) का पालन किया और दुर्घटना को टालने की पूरी कोशिश की . मध्य रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुष्पक एक्सप्रेस के चालक ने नियम के अनुसार ‘फ्लैशर लाइट' चालू कर दी थी, जब ट्रेन मुंबई से करीब 400 किलोमीटर दूर माहेजी और परधाडे स्टेशनों के बीच रुकी. कर्नाटक एक्सप्रेस के चालक ने पुष्पक एक्सप्रेस के ‘फ्लैशर लाइट सिग्नल' को देखने के बाद ब्रेक लगाए.
उन्होंने प्रारंभिक जानकारी का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हालांकि, पटरियों के घुमावदार होने के कारण ट्रेन (कर्नाटक एक्सप्रेस) की दृश्यता और इसके ब्रेक लगने की दूरी प्रभावित हुई.'' रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस खंड पर ट्रेन 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से चलती हैं.
सीआरएस (सेंट्रल सर्किल) मनोज अरोड़ा ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि वह बृहस्पतिवार की सुबह मुंबई से 400 किलोमीटर दूर पचोरा के निकट परधाडे और माहेजी रेलवे स्टेशनों के बीच दुर्घटना स्थल पर पहुंचेंगे.
अरोड़ा ने कहा कि यात्रियों और अन्य प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘हम यात्रियों और अन्य प्रत्यक्षदर्शियों को आमंत्रित करेंगे. वे दुर्घटना के बारे में अपना बयान दे सकते हैं.''
मध्य रेलवे के भुसावल डिवीजन के एक रेलवे अधिकारी ने बताया कि सीआरएस दुर्घटना में शामिल रेलगाड़ियों के चालक दल के सदस्यों से भी बात करेंगे.
उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार शाम एक ट्रेन में आग की अफवाह के बाद पटरी पर उतरे कुछ यात्री पास की पटरी पर विपरीत दिशा से आ रही दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए. इस हादसे में कम से कम 12 यात्रियों की मौत हो गई जबकि 15 अन्य घायल हो गये. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
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